आधुनिक समय में फैशन के साथ ही खादी की मांग दिन-प्रतिदिन बढती जा रही है

वाराणसी। खादी के साथ जुड़ी है हमारी आजादी, असली स्वदेशी कपड़ा है खादी, खादी बेरोजगारी हटाती है। कपास, रेशम, ऊन के हाथ कते सूत से भारत के हथकरघे पर बुना गया कोई भी वस्त्र खादी है यह सर्वस्वीकृत सत्य है। खादी वस्त्र शरीर को गर्मी में ठण्डे और सर्दी में गरम रखते है, जिससे मौसम के असर से बहुत हद तक राहत मिलती है, एक समय था जब खादी को साधारण माना जाता था, लेकिन आधुनिक समय में फैशन के साथ ही खादी की मांग दिन-प्रतिदिन बढती जा रही है, खादी को आज हर उम्र के व्यक्ति पसंद कर रहे है, चाहे कालेज के विधार्थी या आफिस जाने वाली महिला, पुरुष।

आधुनिक समय में फैशन के साथ ही खादी की मांग दिन-प्रतिदिन बढती जा रही है

आधुनिक समय में फैशन के साथ ही खादी की मांग दिन-प्रतिदिन बढती जा रही है

खादी को आज हर उम्र के लोग पसंद कर रहे है

खादी उत्सव मेला में चार दिनों में बिक्री हुआ सवा करोड़



       वाराणसी। खादी के साथ जुड़ी है हमारी आजादी, असली स्वदेशी कपड़ा है खादी, खादी बेरोजगारी हटाती है। कपास, रेशम, ऊन के हाथ कते सूत से भारत के हथकरघे पर बुना गया कोई भी वस्त्र खादी है यह सर्वस्वीकृत सत्य है। खादी वस्त्र शरीर को गर्मी में ठण्डे और सर्दी में गरम रखते है, जिससे मौसम के असर से बहुत हद तक राहत मिलती है, एक समय था जब खादी को साधारण माना जाता था, लेकिन आधुनिक समय में फैशन के साथ ही खादी की मांग दिन-प्रतिदिन बढती जा रही है, खादी को आज हर उम्र के व्यक्ति पसंद कर रहे है, चाहे कालेज के विधार्थी या आफिस जाने वाली महिला, पुरुष।


          चौकाघाट स्थित सांस्कृतिक संकुल परिसर के अर्बन हाट में उ०प० खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा "खादी उत्सव-2023" में हर किस्म के खादी उपलब्ध है, जिसमें खादी के स्टालों में ऊनी शाल, सिल्क की साडियां सूती खादी के वस्त्र, कम्बल, कुर्ता, शदरी गद्दा, रजाई, चादर, कारपेट एवं सिले सिलाये खादी के परिधान उपलब्ध हैं एवं ग्रामोद्योगी उत्पादों में लगने वाले स्टाल में जैम, जेली, आचार, मुरब्बा, अगरबत्ती, नमकीन, लकड़ी के फर्नीचर, आलमारी, बक्सा आयुर्वेदिक औषधी, दर्द निवारक तेल इत्यादि उपलब्ध है। प्रदर्शनी में रविवार को कुल 50 लाख रूपए की बिक्री हुई। इस प्रकार अब तक कुल 1.25 करोड़ रूपये की बिक्री हो चुकी है। प्रदर्शनी में आने वाले लोगों के मनोरंजन की भी व्यवस्था किया गया है, जिसके तहत प्रतिदिन सायंकाल सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह प्रदर्शनी आगामी 4 जनवरी तक अनवरत चलती रहेगी।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow